- Get link
- X
- Other Apps
- Get link
- X
- Other Apps
भैंस पालन से करोड़ों कमाने वाले बिज़नेस आइडिया!
भारत में भैंस पालन एक परंपरागत व्यवसाय रहा है, लेकिन आज यह करोड़ों कमाने का एक सुनहरा अवसर बन गया है। हमारा देश दुनिया में सबसे अधिक दूध उत्पादन करने वाला देश है, जिसमें 55% योगदान भैंस के दूध का है। अगर आप एक ऐसा व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं जिसमें कम निवेश से शुरुआत करके लाखों-करोड़ों की कमाई की जा सके, तो भैंस पालन बिज़नेस आइडिया आपके लिए बिल्कुल सही है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे आप भैंस पालन से जुड़े विभिन्न व्यवसायिक मॉडल अपनाकर अपनी आमदनी को बढ़ा सकते हैं।
भारत में भैंस पालन का महत्व और आय क्षमता
भारत में भैंस पालन का इतिहास सदियों पुराना है, लेकिन आधुनिक तकनीकों और व्यावसायिक दृष्टिकोण के साथ यह क्षेत्र अब पहले से कहीं अधिक लाभदायक हो गया है। भारत में लगभग 109 मिलियन भैंसें हैं, जो विश्व की भैंस आबादी का 56% है। यहां कुछ महत्वपूर्ण तथ्य हैं:
- भैंस का दूध गाय के दूध की तुलना में अधिक वसा (7-8%) और प्रोटीन (4-5%) से भरपूर होता है
- भारत में कुल दूध उत्पादन का 55% भैंस से प्राप्त होता है
- भैंस का दूध बाजार में गाय के दूध से 20-30% अधिक कीमत पर बिकता है
- भैंस के गोबर का उपयोग जैविक खाद और बायोगैस उत्पादन में किया जा सकता है
- एक अच्छी नस्ल की भैंस प्रतिदिन 15-20 लीटर दूध दे सकती है
क्या आप भी भैंस पालन से करोड़पति बनना चाहते हैं?
हमारे विशेषज्ञों से मुफ्त परामर्श प्राप्त करें और जानें कैसे आप अपना सफल भैंस पालन व्यवसाय शुरू कर सकते हैं!
निःशुल्क परामर्श प्राप्त करेंभैंस पालन के लाभदायक बिज़नेस मॉडल
भैंस पालन से जुड़े कई व्यावसायिक मॉडल हैं जिन्हें अपनाकर आप अपनी आमदनी को बढ़ा सकते हैं। आइए इन मॉडल्स पर विस्तार से चर्चा करें:
1. डेयरी उत्पादन व्यवसाय
डेयरी उत्पादन भैंस पालन का सबसे लोकप्रिय और लाभदायक व्यवसाय मॉडल है। इसमें आप निम्न उत्पादों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं:
दूध उत्पादन
मुर्रा जैसी अच्छी नस्ल की भैंस प्रतिदिन 15-20 लीटर दूध दे सकती है। भैंस के दूध में फैट की मात्रा अधिक होने के कारण इसकी कीमत भी अधिक होती है। 10 भैंसों से शुरुआत करके, आप प्रतिमाह 1-1.5 लाख रुपये की आमदनी कर सकते हैं।
घी और मक्खन
भैंस के दूध से बना घी बाजार में 800-1200 रुपये प्रति किलो तक बिकता है। 100 लीटर दूध से लगभग 7-8 किलो घी बनाया जा सकता है, जिससे आपको दूध की तुलना में 30-40% अधिक मुनाफा मिल सकता है।
पनीर और अन्य डेयरी उत्पाद
भैंस के दूध से बना पनीर, दही, छाछ जैसे उत्पाद बाजार में अच्छी कीमत पर बिकते हैं। 100 लीटर दूध से लगभग 15-20 किलो पनीर बनाया जा सकता है, जिसकी कीमत 400-500 रुपये प्रति किलो है।
2. जैविक/रासायनिक-मुक्त उत्पाद लाइन
आज के स्वास्थ्य-जागरूक उपभोक्ताओं के बीच जैविक डेयरी उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है। जैविक भैंस पालन में आप:
- भैंसों को केवल जैविक चारा और प्राकृतिक आहार खिलाते हैं
- एंटीबायोटिक्स और हार्मोन्स का उपयोग नहीं करते
- पशुओं को प्राकृतिक वातावरण में रखते हैं
- जैविक प्रमाणन प्राप्त करके अपने उत्पादों की कीमत 40-50% तक बढ़ा सकते हैं
"मैंने 15 भैंसों के साथ जैविक डेयरी फार्म शुरू किया था। आज मेरे पास 50 भैंसें हैं और मैं प्रति माह 3 लाख रुपये से अधिक कमा रहा हूं। जैविक उत्पादों की मांग इतनी अधिक है कि मुझे अपने उत्पादों के लिए अग्रिम ऑर्डर मिलते हैं।"
- रमेश सिंह, सफल जैविक भैंस पालक, हरियाणा
- रमेश सिंह, सफल जैविक भैंस पालक, हरियाणा
3. मूल्य-वर्धित उत्पाद
भैंस के दूध से बने मूल्य-वर्धित उत्पाद आपके व्यवसाय को अगले स्तर पर ले जा सकते हैं:
प्रीमियम चीज़
मोज़रेला, फेटा और रिकोटा जैसे प्रीमियम चीज़ भैंस के दूध से बनाकर 1000-1500 रुपये प्रति किलो तक बेचे जा सकते हैं।
आइसक्रीम और डेसर्ट
भैंस के दूध से बनी क्रीमी आइसक्रीम और मिठाइयां प्रीमियम कीमत पर बिकती हैं और इनमें 60-70% तक का मार्जिन होता है।
स्किनकेयर उत्पाद
भैंस के दूध से बने साबुन, क्रीम और फेस मास्क जैसे स्किनकेयर उत्पाद बाजार में 3-4 गुना अधिक कीमत पर बिकते हैं।
4. उच्च-उपज वाली भैंस नस्लों का प्रजनन और बिक्री
अच्छी नस्ल की भैंसों की मांग हमेशा बनी रहती है। प्रजनन व्यवसाय में:
- मुर्रा, जाफराबादी, मेहसाना जैसी उच्च-उपज वाली नस्लों पर ध्यान केंद्रित करें
- आधुनिक प्रजनन तकनीकों जैसे कृत्रिम गर्भाधान का उपयोग करें
- एक अच्छी नस्ल की भैंस 1-2 लाख रुपये में बिक सकती है
- प्रशिक्षण और परामर्श सेवाएं भी प्रदान करके अतिरिक्त आय अर्जित करें
अपना भैंस पालन व्यवसाय शुरू करने के लिए तैयार हैं?
हमारी विस्तृत गाइड डाउनलोड करें और जानें कैसे आप अपने पसंदीदा बिज़नेस मॉडल को सफलतापूर्वक लागू कर सकते हैं!
निःशुल्क गाइड डाउनलोड करेंभैंस पालन व्यवसाय में निवेश और लाभ विश्लेषण
प्रारंभिक सेटअप लागत
| विवरण | छोटा स्तर (10 भैंस) | मध्यम स्तर (25 भैंस) | बड़ा स्तर (50+ भैंस) |
|---|---|---|---|
| भूमि (किराए पर/स्वामित्व) | 1-2 लाख रु. (किराया)/10-15 लाख रु. (खरीद) | 3-5 लाख रु. (किराया)/20-30 लाख रु. (खरीद) | 8-10 लाख रु. (किराया)/40-60 लाख रु. (खरीद) |
| शेड निर्माण | 2-3 लाख रु. | 5-7 लाख रु. | 12-15 लाख रु. |
| भैंस खरीद (प्रति भैंस 80,000-1,20,000 रु.) | 8-12 लाख रु. | 20-30 लाख रु. | 40-60 लाख रु. |
| उपकरण और मशीनरी | 1-2 लाख रु. | 3-5 लाख रु. | 8-12 लाख रु. |
| अन्य खर्च (पंजीकरण, बीमा, आदि) | 50,000-1 लाख रु. | 1-2 लाख रु. | 3-5 लाख रु. |
| कुल प्रारंभिक निवेश | 12-20 लाख रु. | 32-49 लाख रु. | 71-102 लाख रु. |
मासिक रखरखाव बनाम राजस्व अनुमान
मासिक खर्च (10 भैंस के लिए)
- चारा और दाना: 30,000-40,000 रु.
- श्रमिक वेतन (2 कर्मचारी): 20,000-25,000 रु.
- पशु चिकित्सा और दवाइयां: 5,000-8,000 रु.
- बिजली और पानी: 3,000-5,000 रु.
- परिवहन और विपणन: 10,000-15,000 रु.
- अन्य खर्च: 5,000-7,000 रु.
- कुल मासिक खर्च: 73,000-1,00,000 रु.
मासिक आय (10 भैंस के लिए)
- दूध बिक्री (150 लीटर/दिन @ 60 रु./लीटर): 2,70,000 रु.
- खाद बिक्री: 5,000-8,000 रु.
- बछड़े बिक्री (वार्षिक आय का मासिक हिस्सा): 10,000-15,000 रु.
- कुल मासिक आय: 2,85,000-2,93,000 रु.
- शुद्ध मासिक लाभ: 1,85,000-2,20,000 रु.
- वार्षिक लाभ: 22-26 लाख रु.
सफल उद्यमियों का केस स्टडी
राजेश पटेल, गुजरात - वार्षिक आय: 1.2 करोड़ रु.
राजेश पटेल ने 2015 में 20 मुर्रा भैंसों के साथ अपना व्यवसाय शुरू किया था। आज उनके पास 120 भैंसें हैं और वे दूध उत्पादन के साथ-साथ प्रीमियम घी और पनीर का निर्माण भी करते हैं। उन्होंने अपने उत्पादों के लिए एक ब्रांड विकसित किया है जो ऑनलाइन और प्रीमियम स्टोर्स में बिकता है।
उनकी सफलता के प्रमुख कारण:
- उच्च गुणवत्ता वाली मुर्रा नस्ल पर ध्यान केंद्रित करना
- आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके उत्पादकता बढ़ाना
- मूल्य-वर्धित उत्पादों पर ध्यान देना
- ब्रांडिंग और डायरेक्ट मार्केटिंग
सुनीता देवी, उत्तर प्रदेश - वार्षिक आय: 95 लाख रु.
सुनीता देवी ने 2018 में महज 5 भैंसों से शुरुआत की थी। आज उनके पास 50 भैंसें हैं और वे जैविक दूध उत्पादों का निर्माण करती हैं। उन्होंने महिलाओं को रोजगार देकर एक सहकारी मॉडल विकसित किया है।
उनकी सफलता के प्रमुख कारण:
- जैविक प्रमाणित उत्पादों पर फोकस
- सहकारी मॉडल अपनाना
- सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना
- स्थानीय बाजारों में मजबूत नेटवर्क बनाना
अपने निवेश और लाभ की गणना करें
हमारा निःशुल्क कैलकुलेटर उपयोग करें और जानें आप कितना निवेश करके कितना लाभ कमा सकते हैं!
निवेश कैलकुलेटर का उपयोग करेंभैंस पालन के लिए सरकारी योजनाएं
भारत सरकार और राज्य सरकारें भैंस पालन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाती हैं। इन योजनाओं का लाभ उठाकर आप अपने निवेश को कम कर सकते हैं और अधिक लाभ कमा सकते हैं:
डेयरी उद्यमिता विकास योजना (DEDS)
सब्सिडी: सामान्य श्रेणी के लिए 25% और SC/ST/महिलाओं के लिए 33.33%
अधिकतम लाभ: 20 भैंसों तक के प्रोजेक्ट के लिए
आवेदन प्रक्रिया: नाबार्ड या स्थानीय बैंक के माध्यम से
राष्ट्रीय गोकुल मिशन
सहायता: नस्ल सुधार, प्रशिक्षण और बुनियादी ढांचे के लिए
लाभ: तकनीकी सहायता, प्रशिक्षण और आधुनिक तकनीकों तक पहुंच
आवेदन प्रक्रिया: जिला पशुपालन विभाग के माध्यम से
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना
ऋण सीमा: 10 लाख रुपये तक
ब्याज दर: 8-12% (बैंक के अनुसार)
आवेदन प्रक्रिया: किसी भी वाणिज्यिक बैंक के माध्यम से
प्रशिक्षण कार्यक्रम
सरकार द्वारा संचालित विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम भी उपलब्ध हैं जो आपको भैंस पालन के विभिन्न पहलुओं में कौशल विकसित करने में मदद कर सकते हैं:
- कृषि विज्ञान केंद्र (KVK): हर जिले में उपलब्ध, पशुपालन पर नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम
- राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB): आधुनिक डेयरी प्रबंधन पर विशेष प्रशिक्षण
- पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय: पशु स्वास्थ्य और प्रजनन पर प्रशिक्षण
- राज्य पशुपालन विभाग: स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता
महत्वपूर्ण सुझाव: सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए अपने सभी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक खाता, भूमि दस्तावेज आदि पहले से तैयार रखें। साथ ही एक विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाएं जिसमें आपकी व्यावसायिक योजना का विवरण हो।
सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं
हमारे विशेषज्ञ आपको सरकारी योजनाओं के लिए आवेदन करने में मदद कर सकते हैं और आपके लिए सबसे उपयुक्त योजना का चयन कर सकते हैं!
निःशुल्क सहायता प्राप्त करेंभैंस पालन व्यवसाय के लिए मार्केटिंग रणनीतियां
अच्छी मार्केटिंग रणनीति आपके भैंस पालन व्यवसाय की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है। यहां कुछ प्रभावी मार्केटिंग रणनीतियां दी गई हैं:
1. B2B पार्टनरशिप
- स्थानीय डेयरी ब्रांड्स: अपना दूध बड़े डेयरी ब्रांड्स को बेचकर निश्चित आय सुनिश्चित करें
- होटल और रेस्तरां: प्रीमियम होटलों और रेस्तरां के साथ साझेदारी करके अपने उत्पादों को उच्च मूल्य पर बेचें
- मिठाई निर्माता: स्थानीय मिठाई निर्माताओं को उच्च गुणवत्ता वाला दूध और खोया सप्लाई करें
- स्वास्थ्य और सौंदर्य उत्पाद निर्माता: भैंस के दूध से बने स्किनकेयर उत्पादों के लिए कच्चा माल प्रदान करें
2. डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (D2C)
- अपना ब्रांड विकसित करें: अपने उत्पादों के लिए एक आकर्षक ब्रांड नाम, लोगो और पैकेजिंग डिजाइन करें
- ई-कॉमर्स: अमेज़न, फ्लिपकार्ट जैसे प्लेटफॉर्म्स पर अपने उत्पाद बेचें या अपना खुद का ऑनलाइन स्टोर बनाएं
- सोशल मीडिया मार्केटिंग: फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप के माध्यम से अपने उत्पादों का प्रचार करें और ऑर्डर प्राप्त करें
- सब्सक्रिप्शन मॉडल: नियमित ग्राहकों के लिए दूध और डेयरी उत्पादों की सब्सक्रिप्शन सेवा शुरू करें
- फार्मर्स मार्केट: स्थानीय किसान बाजारों में अपने उत्पाद बेचें और सीधे ग्राहकों से जुड़ें
3. निर्यात अवसर
भारतीय डेयरी उत्पादों की विदेशों में बढ़ती मांग है, विशेष रूप से मध्य पूर्व, दक्षिण पूर्व एशिया और अफ्रीका में:
- APEDA पंजीकरण: कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण के साथ पंजीकरण करें
- अंतरराष्ट्रीय प्रमाणन: ISO, HACCP जैसे अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता प्रमाणन प्राप्त करें
- निर्यात मेले: अंतरराष्ट्रीय खाद्य और डेयरी मेलों में भाग लें
- निर्यात प्रोत्साहन: सरकार द्वारा प्रदान किए जाने वाले निर्यात प्रोत्साहनों का लाभ उठाएं
"हमने अपने जैविक भैंस के दूध से बने घी का निर्यात मध्य पूर्व और अमेरिका में शुरू किया। पहले साल में ही हमने 50 लाख रुपये का निर्यात किया और अब यह हमारे व्यवसाय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।"
- अनिल शर्मा, निर्यातक, राजस्थान
- अनिल शर्मा, निर्यातक, राजस्थान
अपने उत्पादों के लिए बाजार खोजें
हमारे मार्केटिंग विशेषज्ञों से परामर्श करें और अपने भैंस पालन व्यवसाय के लिए सबसे उपयुक्त मार्केटिंग रणनीति विकसित करें!
मार्केटिंग परामर्श प्राप्त करेंभैंस पालन व्यवसाय में स्थिरता के टिप्स
स्थिरता न केवल पर्यावरण के लिए अच्छी है, बल्कि यह आपके व्यवसाय की लागत को कम करने और अतिरिक्त आय स्रोत बनाने में भी मदद कर सकती है:
1. अपशिष्ट प्रबंधन
- वर्मी-कम्पोस्टिंग: भैंस के गोबर से उच्च गुणवत्ता वाली जैविक खाद बनाएं, जिसे 8-10 रुपये प्रति किलो बेचा जा सकता है
- स्लरी मैनेजमेंट: तरल अपशिष्ट का उपयोग खेतों में उर्वरक के रूप में करें
- बायोगैस उत्पादन: गोबर से बायोगैस बनाकर ऊर्जा लागत कम करें
2. बायोगैस उत्पादन
10 भैंसों से प्रतिदिन लगभग 100 किलोग्राम गोबर प्राप्त होता है, जिससे:
- प्रतिदिन 8-10 घन मीटर बायोगैस का उत्पादन किया जा सकता है
- यह गैस खाना पकाने, बिजली उत्पादन या गर्म पानी के लिए उपयोग की जा सकती है
- मासिक 5,000-8,000 रुपये की ऊर्जा लागत बचाई जा सकती है
- बायोगैस प्लांट स्थापित करने के लिए सरकारी सब्सिडी उपलब्ध है
3. अन्य स्थिरता प्रथाएं
- सौर ऊर्जा: दूध शीतलन और प्रसंस्करण के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग करें
- वर्षा जल संचयन: पानी की लागत कम करने के लिए वर्षा जल का संचयन करें
- चारा उत्पादन: अपना खुद का चारा उगाकर लागत कम करें और गुणवत्ता सुनिश्चित करें
- प्राकृतिक कीट नियंत्रण: रासायनिक कीटनाशकों के बजाय प्राकृतिक विधियों का उपयोग करें
क्या आप जानते हैं? एक अध्ययन के अनुसार, स्थिरता प्रथाओं को अपनाने वाले डेयरी फार्म अपनी परिचालन लागत में 15-20% तक की कमी कर सकते हैं और अपने उत्पादों के लिए 10-15% अधिक कीमत प्राप्त कर सकते हैं।
निष्कर्ष: भैंस पालन से करोड़पति बनने का सपना
भैंस पालन एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें छोटे निवेश से शुरुआत करके करोड़ों की कमाई की जा सकती है। इस लेख में हमने देखा कि कैसे विभिन्न बिज़नेस मॉडल, सही निवेश रणनीति, सरकारी योजनाओं का लाभ, प्रभावी मार्केटिंग और स्थिरता प्रथाओं के माध्यम से आप अपने भैंस पालन व्यवसाय को सफलता की नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं।
याद रखें, सफलता की कुंजी है:
- अच्छी नस्ल की भैंसों का चयन
- आधुनिक तकनीकों और प्रबंधन प्रथाओं का उपयोग
- मूल्य-वर्धित उत्पादों पर ध्यान केंद्रित करना
- सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना
- प्रभावी मार्केटिंग रणनीतियां अपनाना
- स्थिरता प्रथाओं को लागू करना
भैंस पालन न केवल एक लाभदायक व्यवसाय है, बल्कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और रोजगार सृजन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आज ही अपना भैंस पालन व्यवसाय शुरू करें और अपने सपनों को साकार करें!
अपना सफल भैंस पालन व्यवसाय आज ही शुरू करें!
हमारे विशेषज्ञों से संपर्क करें और अपने व्यवसाय को शुरू करने के लिए आवश्यक सभी जानकारी और सहायता प्राप्त करें।
अभी शुरू करेंअक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
भैंस पालन शुरू करने के लिए न्यूनतम निवेश कितना होना चाहिए?
भैंस पालन 2-3 भैंसों के साथ छोटे स्तर पर 3-5 लाख रुपये के निवेश से शुरू किया जा सकता है। मध्यम स्तर (10-15 भैंस) के लिए 12-20 लाख रुपये और बड़े स्तर (50+ भैंस) के लिए 70-100 लाख रुपये का निवेश आवश्यक हो सकता है।
भैंस पालन में किस नस्ल की भैंस सबसे अच्छी मानी जाती है?
भारत में मुर्रा नस्ल की भैंस सबसे अधिक दूध देने वाली और लाभदायक मानी जाती है। इसके अलावा जाफराबादी, मेहसाना, सुरती और नागपुरी भी अच्छी नस्लें हैं। मुर्रा भैंस प्रतिदिन 15-20 लीटर दूध दे सकती है जिसमें 7% से अधिक फैट होता है।
क्या भैंस पालन व्यवसाय के लिए सरकारी सब्सिडी मिलती है?
हां, भारत सरकार और राज्य सरकारें भैंस पालन के लिए कई सब्सिडी योजनाएं चलाती हैं। डेयरी उद्यमिता विकास योजना (DEDS) के तहत सामान्य श्रेणी के लिए 25% और SC/ST/महिलाओं के लिए 33.33% तक की सब्सिडी मिलती है। इसके अलावा, कम ब्याज दर पर ऋण और तकनीकी सहायता भी उपलब्ध है।
📝 1️⃣ About Us (हमारे बारे में) हमारे बारे में स्वागत है DeshDrapannews में! यह एक स्वतंत्र हिंदी न्यूज़ वेबसाइट है, जिसका उद्देश्य देश-दुनिया की ताजा खबरें आप तक पहुँचाना है। यहाँ आपको मिलेंगी: राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खबरें शिक्षा, रोजगार और सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारी खेल, राजनीति और मनोरंजन जगत की ताजा अपडेट वायरल और ट्रेंडिंग खबरें हमारा लक्ष्य है सटीक, निष्पक्ष और ताजा खबरें आप तक पहुँचाना। DeshDrapannews किसी भी अफवाह या भ्रामक खबर को बढ़ावा नहीं देता। आपका सहयोग ही हमारी ताकत है। 📝 2️⃣ Contact Us (संपर्क करें) संपर्क करें अगर आपको किसी खबर से संबंधित कोई सुझाव, शिकायत या जानकारी देनी है तो आप हमसे नीचे दिए गए माध्यम से संपर्क कर सकते हैं: 📧 ईमेल: ranja.raj4142@gmail.com (अपना ईमेल डालना मत भूलना) या फिर आप हमें सीधे वेबसाइट के कमेंट सेक्शन में भी अपना संदेश भेज सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपके संदेश का जवाब देने का प्रयास करेंगे। 📝 3️⃣ Privacy Policy (गोपनीयता नीति) गोपनीयता नीति DeshDrapannews आपके गोपनीयता का सम्मान करता है। हम आपकी व्यक्तिगत जानकारी जैसे नाम, ईमेल आदि को किसी भी थर्ड पार्टी के साथ साझा नहीं करते हैं। हमारी वेबसाइट पर थर्ड पार्टी विज्ञापन दिखाए जा सकते हैं (जैसे Google AdSense), जो आपकी रुचियों के आधार पर विज्ञापन दिखा सकते हैं।- Get link
- X
- Other Apps
Comments
Post a Comment